
ख्वाबों को देखूं तो तेरी याद
हुस्न का सोचूं तो भूल जाऊं
आईने को देखूं तो तेरी याद
किताब को देखूं तो भूल जाऊं
कलम को देखूं तो तेरी याद
जख्मों को देखूं तो भूल जाऊं
मरहम को देखूं तो तेरी याद
सितम को देखूं तो भूल जाऊं
लगन को देखूं तो तेरी याद
मेरा अकेलापन है कितना आजाद
प्रेयषी फिर भी आती है तेरी याद
-कैलाश
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