Thursday, June 1, 2023



 गुजरेगा जब 'आज' खुशी से,

तभी तो प्यारा 'कल' आएगा,
आज अगर ना गुज़रा अच्छा,
'कल' फिर हमको छल जाएगा।

जो भी करना 'आज' में करना
'कल' में वक्त निकल जाएगा।

atOptions = { 'key' : '9315ae6c6964c6dc26aafe4023e7e9c7', 'format' : 'iframe', 'height' : 90, 'width' : 728, 'params' : {} }; document.write(''); style="border: 0px; box-sizing: border-box; list-style-type: none; margin: 0px; outline: 0px; padding: 0px;" />'आज' है अपने वश में लेकिन
'कल' में वक्त निकल जाएगा।

'आज' जो बीता 'कल' आएगा
'आज' फिर लौट नहीं पाएगा।
- हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।

No comments:

Post a Comment