Thursday, June 1, 2023



दूसरों के धन पर
दूसरों के तन पर
नील गगन पर
नजर न कर
ओ लोभी नर!
अपने धन पर
अपने मन पर
अपने तन पर
अपने वतन पर
मगन रह कर
कर्तव्य अपना कर
निरंतर,ओ नारी नर!
- सहज
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