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काली घटा छाने लगी है, मुझे तेरी याद आने लगी है।
ठंडी हवा दिल को जलाए, बिजलियां भी मुझको डराए,
तन्हाइयां अब खाने लगी हैं, मुझे तेरी याद आने लगी है।
-हासानंद कागा
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